पटना हाईकोर्ट के सख्त निर्देश के बाद सुल्तानगंज-अगुवानी घाट गंगा पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से के पुनर्निर्माण का कार्य तेज़ी से शुरू हो गया है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड (BSHPCL) ने पिलर संख्या-9 के पास कंपोजिट स्टील बीम कंक्रीट डेक केबल स्टे का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर आरंभ कर दिया है।
18 महीने में पूरा होगा निर्माण कार्य
निगम के प्रबंध निदेशक जितेंद्र कुमार ने बताया कि उच्च न्यायालय ने इस परियोजना को 18 महीने में पूरा करने का निर्देश दिया है। तय समय सीमा में कार्य पूरा करने के लिए दिन-रात काम जारी है। परियोजना की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संवेदक द्वारा प्रस्तुत डिजाइन और ड्रॉइंग का ऑडिट आईआईटी रुड़की द्वारा किया जा रहा है। यह थर्ड पार्टी ऑडिट अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पुनर्निर्माण की प्रक्रिया को तीन चरणों में विभाजित किया गया है ताकि कार्य में गति और गुणवत्ता बनी रहे।
पहला चरण: एप्रोच रोड का निर्माण
निर्माण स्थल तक सुगम पहुंच के लिए सबसे पहले एप्रोच रोड का निर्माण किया जा रहा है। इससे निर्माण सामग्री और मशीनरी की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित की जा सकेगी।
दूसरा चरण: कंपोजिट ग्राइडर का निर्माण
पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से के लिए कंपोजिट ग्राइडर का निर्माण कार्य आरडीएसओ से अनुमोदित कार्यशाला में डिजाइन के अनुरूप शुरू हो चुका है।
तीसरा चरण: नींव में सुधार का कार्य
बदले जा रहे सुपर स्ट्रक्चर (ऊपरी ढांचे) के अनुरूप नींव में आवश्यक सुधार कार्य भी विशेषज्ञों की निगरानी और सलाह पर किया जा रहा है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या न हो।
गुणवत्ता नियंत्रण के लिए विशेष टीम का गठन
परियोजना की निगरानी और गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए निगम द्वारा एक मजबूत परियोजना क्रियान्वयन इकाई (PIU) गठित की गई है। इस इकाई में अनुभवी अभियंताओं और विशेषज्ञों को शामिल किया गया है, जो हर चरण की सतत निगरानी कर रहे हैं।