आंकड़े बताते हैं कि करीब 35 फीसदी सिरदर्द के मामले तनाव से जुड़े होते हैं। हर बार डॉक्टर के पास जाना जरूरी नहीं होता। पर, जब दर्द असहनीय हो, फैलकर जबड़े, कंधे और बाजुओं तक जाने लगे तो सावधान होना जरूरी है। जानें स्वाति गौड़ से..
इन वजहों से होता है सिरदर्द
हमारे सिर के भीतर, दर्द संवेदी संरचनाओं का एक जाल होता है, जिसमें किसी प्रकार की चोट या दबाव पड़ने पर सिरदर्द होने लगता है। वैसे, शरीर में पानी की कमी, आंख या गर्दन पर अधिक दबाव, नींद पूरी न होना और दर्द निवारक दवाएं अधिक खाने से भी सिर दर्द हो सकता है।
पहचानें लक्षण
हल्के सिरदर्द में आंखों और भंवों के ऊपर वाले हिस्से में या फिर सिर के दोनों तरफ दबाव या खिंचाव महसूस होता है। यह दर्द कई बार सिर के पिछले हिस्से व गर्दन में भी फैलने लगता है। आमतौर पर ऐसा दर्द तनाव बढ़ने पर होता है। क्लस्टर सिरदर्द में आंख और नाक से पानी आने के साथ-साथ सूजन और आंखें लाल होने लगती हैं। माइग्रेन में तेज दर्द के साथ उल्टी जैसा महसूस होता है। तेज आवाज और रोशनी में यह दर्द और बढ़ जाता है। वहीं रिबाउंड सिरदर्द में नींद न आना, नाक बंद होना, गर्दन में दर्द व बेचैनी जैसे लक्षण दिखते हैं। वहीं एक्यूट साइनेसाइटिस की वजह से होने वाले सिरदर्द में तेज बुखार, थकान, कानों में दबाव और सूंघने की क्षमता प्रभावित होती है। पीरियड्स में हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव से भी सिरदर्द हो सकता है।
आपातकाल की स्थिति
●अचानक असहनीय दर्द हो और ऐसा बार-बार हो रहा हो।
●सिरदर्द के साथ गर्दन में जकड़न या सुन्नपन महसूस होने लगे।
●सिरदर्द के साथ बहुत तेज बुखार का होना, जो सामान्य दवाओं से ठीक न हो रहा हो
●कसरत या किसी प्रकार की शारीरिक गतिविधि के बाद सिर में दर्द होना।
●दर्द की वजह से असामान्य व्यवहार करना
●कुछ खास दवाओं के सेवन या कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद भी कुछ लोगों में तेज सिर दर्द के लक्षण दिखाई देते हैं। दर्द ठीक न हो तो डॉक्टर से मिलें।
●गर्भावस्था में अचानक सिरदर्द होना।
ये स्थितियां भी हैं गंभीर
उच्च रक्तचाप की समस्या सिरदर्द को बढ़ाने का काम करती है। गले-नाक और कान में किसी प्रकार का संक्रमण होने पर भी सिरदर्द हो सकता है, जिसका पता डॉक्टरी जांच से लगता है। कुछ स्थितियों में डॉक्टर एमआरआई या सिटी स्कैन कराने की सलाह भी देते हैं, ताकि सही कारण का पता लगाया जा सके।