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दफ्तर में करते है 8 घंटे काम, तो 1 अप्रैल से होंगे परेशान, होने वाला है बड़ा बदलाव

नई दिल्ली: दफ्तर में काम करने वालो के लिए बड़ी खबर आ रही है कि 1 अप्रैल 2021 से आपको 12 घंटे काम करना होगा। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि आपके जेब पर भी असर पड़ने वाला है। एक अप्रेल से आपके हाथ में आने वाला वेतन कम हो सकता है। दरअसल साल 2020 में संसद में तीन मजदूरी संहिता विधेयक (कोड ऑन वेजेज बिल) पास किए गए थे।

इन विधेयकों को इस साल 1 अप्रैल को लागू करने की संभावना है। इसके लागू होने के बाद कर्मचारियों को ग्रेच्युटी और भविष्य निधि यानी कि पीएफ मद में बढ़ोतरी मिलेगी। इसके साथ कंपनियों की बैलेंस शीट भी प्रभावित होगी।

नए ड्राफ्ट कानून में कामकाज के समय सीमा को 8 घंटे से बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया है। इसके पास होने के बाद दफ्तर में आपको ज्यादा काम करना होगा यानि की 12 घंटे काम करना होगा। हालांकि, ओएसच कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है। इसके अलावा इस नए नियम में कर्मचारी से लगातार 5 घंटे से ज्यादा काम कराने पर भी रोक लगाया गया है। इसका मतलब ही कि हर पांच घंटे काम करने के बाद कर्मचारियों को आधा घंटे का आराम देने का निर्देश भी इस ड्राफ्ट नियम में शामिल है।

वेज (मजदूरी) की नई परिभाषा के तहत भत्ते कुल सैलेरी के अधिकतम 50 फीसदी होंगे। इसका मतलब है कि मूल वेतन (सरकारी नौकरियों में मूल वेतन और महंगाई भत्ता) अप्रैल से कुल वेतन का 50 फीसदी या अधिक होना चाहिए। अगर ग्रेच्युटी और पीएफ में योगदान बढ़ता है तो रिटायरमेंट के बाद आपको मिलने वाली राशि में भी इजाफा होगा। पीएम और ग्रेच्युटी बढ़ेगी तो कंपनियों की लागत भी बढ़ेगी। कंपनियों को कर्मचारियों के पीएफ में ज्यादा योगदान देना पड़ेगा। इसका असर कंपनियों की बैलेंस शीट पर भी नजर आएगा।