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यमुना का रौद्र रूप: बटेश्वर घाट पर मोटरबोट बंद, बाढ़ से घिरे कल्यानपुर और भरतारपुर

यमुना में उफान को देखते हुए बटेश्वर घाट पर मोटरबोट का संचालन बंद कर दिया गया है। कल्यानपुर और भरतार गांव के लोग बाढ़ के पानी से घिर गए हैं।

हथिनीकुंड बैराज से तीन दिन पहले छोड़े गए 1 लाख 78 हजार 976 क्यूसेक पानी से उफनाई यमुना नदी से बाह में नदी किनारे के 35 गांवों में लोग सहम गए हैं। बटेश्वर के घाट पर प्रशासन ने मोटरबोट का संचालन बंद करा दिया है। बटेश्वर के पार पर बसे कल्यानपुर और भरतार गांव उफान के पानी से घिर गए हैं।

गांव के मोहन भदौरिया, प्रदीप भदौरिया, दिलीप सिंह, रामवीर सिंह, मनोज भदौरिया, दिनेश भदौरिया, नारायन सिंह भदौरिया, सर्वेश कुमार, करन सिंह आदि ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई के साथ ही बीमार लोगों की दवाई के लिए मोटरबोट का संचालन होना चाहिए। यमुना नदी के उफान का पानी बड़ापुरा, गगनकी, रामपुर चंद्रसेनी, विक्रमपुर कछार, विक्रमपुर घाट, चरीथा, बाग गुढि़याना, कचौरा घाट, पुरा चतुर्भुज गांव के पास तक पहुंच गया है। नदी के कछार में पहले से बाजरा, तिल और सब्जियों की फसल डूबी हुई हैं। उफान का पानी तराई के खेतों में भी भरने लगा है। जिससे किसान परेशान हैं। सिंचाई विभाग के मुताबिक 22 अगस्त तक नदी में उफान रहेगा।

बाह के एसडीएम हेमंत कुमार ने बताया कि बचाव और राहत के लिए 5 बाढ़ चौकियां बटेश्वर, विक्रमपुर, पारना, कचौराघाट, रामपुर चंद्रसेनी में बनाई हैं। नदी के जलस्तर पर निगाह रखी जा रही है। गांवों में मुनादी कर नदी क्षेत्र में न जाने की हिदायत दी जा रही है। राजस्व टीम और लेखपालों को स्थिति पर नजर रखने की हिदायत दी गई है।

वन विभाग ने नदी किनारे के ग्रामीण को किया अलर्ट

यमुना में उफान के साथ ही गांवों में वन्यजीवों के आने का खतरा बढ़ गया है। उफान का पानी खादरों में भरने पर बीहड़ से निकलने वाले लकड़बग्घा, सियार आदि वन्यजीव गांवों तक पहुंच सकते हैं। यमुना नदी के किनारे के कचौरा घाट, नौगवां, पुरा चतुर्भुज, पुरा वीरबल, खिलावली, कमतरी, चंद्रपुर, पारना, गढ़ी बरौली, पूठा, चरीथा, संजेती, गढ़वार आदि गांवों में वन्यजीवों के आने और हमले का खतरा होने के मद्देनजर वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क किया है।

जैतपुर के रेंजर कोमल सिंह ने बताया कि ग्रामीणों को गांव के नजदीक वन्यजीव दिखने पर वन विभाग को सूचना दिए जाने के लिए लोगों को जागरूक किया गया है। जिससे हमले का डर न रहे। उन्होंने यमुना नदी के उफान के दौरान बीहड़ में पशु चराने के लिए न जाने की भी हिदायत दी है। बाह में भी नदी किनारे के सुंसार, कोट, सिधावली, विक्रमपुर कछार, विक्रमपुर घाट, बड़ापुरा, भौंर, स्याइच, कलींजर, बिठौली, रामपुर चंद्रसेनी, गगनकी, बलाई आदि गांवों में भी वन विभाग की टीमों ने ग्रामीणों को अलर्ट किया है।

यमुना नदी का लगातार जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की आशंका

पहाड़ी क्षेत्रो में लगातार हो रही बारिश से यमुना नदी में बाढ़ से हालात बनते जा रहे हैं। जिससे तटवर्तीय गांव के लोगों की चिंता बढ़ गई है तराई के खेतों में फसलें डूब गई हैं। फतेहाबाद के भोलपुरा गांव के पास जोनेश्वर घाट की सभी सीढि़यां डूब गई हैं। प्रशासन की ओर से लगातार ग्रामीणों से अपील की जा रही है कि नदी किनारे जाने से बचें। बच्चे और मवेशियों को भी न जाने दें।