विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने एलान किया है कि शुक्रवार को सभी जिलों में फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। निजीकरण के साथ ही वर्टिकल सिस्टम का भी विरोध किया जाएगा। इसे भी स्वीकार नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वर्टिकल सिस्टम के नाम पर शहरी क्षेत्रों में पुनर्गठन किया जा रहा है। इससे कर्मचारियों और इंजीनियरों के पदों को घटाया जा रहा है। पहले पदों को घटाया जाएगा। इसके बाद शहरी क्षेत्र को निजी कंपनियों के हवाले कर दिया जाएगा।
एक तरह से यह निजीकरण की दूसरी रणनीति है। संघर्ष समिति ने कहा कि जिस प्रकार मध्यांचल में लेसा और केस्को में पदों मे कटौती की जा रही है। उसी तरह पश्चिमांचल व अन्य निगमों में भी हजारों पद खत्म किए जाएंगे। फिर कार्य प्रभावित होने की दुहाई देते हुए निजी कंपनियों को काम सौंपा जाएगा। मालूम हो कि दिपावली पर्व पर बिजली कर्मियों ने आंदोलन स्थगित कर दिया था।
इस तरह घटेंगे पद
केंद्रीय पदाधिकारियों का आरोप है कि नई व्यवस्था से अकेले लखनऊ के लेसा में ही करीब 2055 नियमित पद और लगभग 6000 संविदा कर्मियों के पद समाप्त हो जाएंगे। समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वह मनमाने ढंग से हजारों पदों को समाप्त करने के मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें। उन्होंने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में पदों का विवरण भी दिया है, जो इस प्रकार है।
लेसा में वर्तमान स्वीकृत पद पुर्नगठन के बाद बचे पद
अधीक्षण अभियंता 12 8
अधिशासी अभियंता 50 35
सहायक अभियंता 109 86
अवर अभियंता 287 142
टीजी 2 1852 503
अकाउंटेंट 104 53
एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट 686 280
कैंप असिस्टेंट 74 1
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