उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आज विकास और संरक्षण के बीच एक नाजुक संतुलन बनाने की आवश्यकता है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि लोगों की विकास आवश्यकताओं को पूरा करते हुए हमारे जंगल फलते-फूलते रहें। उन्होंने कहा कि वन हमारे लाखों नागरिकों, विशेषकर आदिवासी समुदायों की जीवन रेखा …
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