नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाये गए तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली में किसान पिछले 52 दिनों से आंदोलन कर रहे है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बड़ा एलान किया है कि वो कृषि कानून के अलावा सभी पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन सरकार और किसान के बीच अब तक हुई 9 दौर की वार्ता बेनतीजा निकली है। किसानों के साथ दसवें दौर की बैठक से पहले रविवार को दोहराया कि कृषि कानूनों की वापसी छोड़कर वह हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से 19 जनवरी को अपनी जिद छोड़कर तीनों कानूनों पर बिंदुवार चर्चा करने के लिए आने को कहा। वहीं किसानों ने दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालने का एलान किया है। तोमर ने कहा, जब सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों पर रोक लगा दी है तो किसानों के जिद्दी रवैये का सवाल ही नहीं उठता। दिखाने की जरूरत नहीं है। सरकार पूरी गंभीरता के साथ खुले दिल से किसानों की बात सुनने को तैयार है और किसानों को भी नरमी दिखानी होगी।
उन्होंने कहा, सरकार ने कई प्रस्ताव दिए लेकिन किसान कानून वापसी पर अड़े हैं। उनकी तरफ से कोई नरमी नहीं दिखाई जा रही है। सरकार पूरे देश के लिए कानून बनाती है। कई किसान और विशेषज्ञों ने इन कानूनों का समर्थन भी किया है। सुप्रीम कोर्ट की समिति कल करेगी पहली बैठक करेगी। किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए गठित सुप्रीम कोर्ट की समिति मंगलवार को पूसा प्रांगण में पहली बैठक कर सुलह कराने की रणनीति तय करेगी।