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यूपी: कुटीर उद्योगों के कारीगरों को तीन करोड़ के फंड से मिलेगी उड़ान

एमएसएमई और स्टार्टअप से अपना व्यापार शुरु करने वालों को अब फंड की कमी से जूझना नहीं पड़ेगा। उद्यमशीलता विकास परिषद (ईडीसी) की ओर से बिल्ड यूपी फंड की पहल की गई है। यह फंड एमएसएमई के तहत व्यापार शुरु करने वाली महिलाओं को दिया जाएगा। फंड की मदद से उनके हुनर को पहचान दिलाने की कोशिश की जाएगी। इसके साथ ही स्टार्टअप शुरु करने वाले युवाओं की भी प्रारंभिक स्टेज पर मदद की जाएगी।

बिल्ड यूपी फंड का लक्ष्य भारत में उभरते हुए स्टार्टअप्स और नवोन्मेषी विचारों को सशक्त बनाना है। इस फंड का मुख्य उद्देश्य उन शुरुआती चरण के उद्यमों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है,जिनके पास परिवर्तनकारी क्षमता है। जिन्हें प्रारंभिक फंडिंग की आवश्यकता है। ईडीसी के प्रमुख चंदन त्रिपाठी ने बताया कि 20 से अधिक इनवेस्टर एमएसएमई और स्टार्टअप करने वालों की मदद के लिए आगे आए हैं। कई महिलाओं की ओर से व्यापार शुरु किया जाता है,लेकिन उनके पास फंड नहीं होने के कारण वह आगे बढ़ने से रुक जाती है। इसके साथ ही कई स्टार्टअप के पास अच्छे आइडिया होते हैं,लेकिन उनको फंडिंग नहीं मिल पाती और उनके आइडिया वही दम तोड़ देते हैं। अब ऐसे लोगों को बिल्ड अप इंडिया फंड से मदद की जाएगी।

पांच लाख रुपये की मिलेगी मदद
पहले चरण में तीन करोड़ फंड से मदद की जाएगी। एमएसएमई और स्टार्टअप करने वालों के आइडिया को टीम की ओर से स्क्रीनिंग की जाएगी। उसके बाद इनवेस्टर का पैनल पिच सुनेंगे। उसके बाद स्क्रीनिंग करके सपोर्ट किया जाएगा। अब तक 10 से अधिक एमएसएमई और स्टार्टअप करने वालों की मदद की जा चुकी है। पहले चरण में उन्हें पांच लाख रुपये की मदद की जा रही है। तीन साल में 100 करोड़ रुपये से सभी को मंच दिलाया जाएगा।

कई एमएसएमई को मिल चुका मंच
नोएडा के सेक्टर-62 स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय के परिसर में इनक्यूबेंट रिद्धिमा चंदन मीडिया हाउस प्रा.लि. के सदस्य चंदन त्रिपाठी ने बताया कि कई एमएसएमई को अब तक मंच मिल चुका है। लिटिल लैंप की संस्थापक काम्या बर्नेवाल के आइडिया को फंड दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य पर्यावरण के अनुकूल और कलात्मक उत्पादों के माध्यम से घरों और व्यक्तिगत स्थानों को रोशन करना है।