SACTEM और SGPGI ने मैकेनिकल वेंटिलेशन पर हैंड्स-ऑन वर्कशॉप का आयोजन किया। इसमें विशेषज्ञों ने कहा कि इमरजेंसी और ट्रॉमा में तैनात हर डॉक्टर को वेंटिलेटर का प्रशिक्षण मिलना चाहिए।
राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI)में मैकेनिकल वेंटिलेशन पर हैंड्स-ऑन वर्कशॉप का आयोजन किया गया। यह आयोजन सोसाइटी ऑफ एक्यूट केयर, ट्रॉमा एंड इमरजेंसी मेडिसिन (SACTEM) ने किया। इसमें उत्तर प्रदेश के 80 से अधिक चिकित्सकों ने भाग लिया। इसके साथ ही SGPGI के आपातकालीन चिकित्सा, एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर विभागों के विशेषज्ञ शामिल हुए।
इस दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि आपातकालीन और आईसीयू स्थितियों में वेंटिलेटर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसके बावजूद सरकारी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों (जैसे- बलरामपुर, सिविल और लोकबंधु) के चिकित्सकों में प्रशिक्षण की कमी है। जो कि एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
इसको ध्यान में रखते हुए SACTEM 20 वरिष्ठ सरकारी डॉक्टरों को प्रशिक्षित करेगा। इन डॉक्टरों का चयन स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग करेगा। ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर तो है लेकिन, प्रशिक्षित डॉक्टर न होने से इनका उपयोग नहीं हो पाता है। SACTEM अब तक 500 से अधिक डॉक्टरों को विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षित कर चुका है।
वर्कशॉप में ये लोग रहे मौजूद
इस मौके पर SACTEM के संस्थापक एवं अध्यक्ष डॉ. लोकेंद्र गुप्ता ने कहा कि आपातकालीन और ट्रॉमा केयर में कार्यरत हर डॉक्टर को वेंटिलेटर प्रशिक्षण देना चाहिए। वर्कशॉप का संचालन डॉ. ओपी संजीव, डॉ. प्रतीक सिंह बैस और डॉ. तपस कुमार सिंह ने किया। इनके अलावा डॉ. एलडी मिश्रा, डॉ. बनानी पोद्दार, डॉ. आरके सिंह, डॉ. एसएस त्रिपाठी समेत अन्य लोग मौजूद रहे।