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जन्म के ढाई घंटे बाद लड्डू गोपाल ने किए काशीपुराधिपति के दर्शन

काशी विश्वनाथ धाम में लगातार दूसरे साल लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव मनाया गया। इस दौरान रात्रि में 12 बजते ही नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की… गूंज उठा।

भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर शिव की नगरी कान्हा के जयकारों से गूंज उठी। काशीपुराधिपति के धाम में श्री लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव विधि-विधान से मनाया गया। बाल गोपाल ने जन्म के ढाई घंटे बाद ही बाबा विश्वनाथ के राजसी स्वरूप के दर्शन किए तो वहीं बाबा विश्वनाथ ने भी पानी के थाल में लल्ला के दर्शन किए।

शनिवार को बाबा विश्वनाथ के धाम में रात्रि 11 बजे से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अनुष्ठान आरंभ हुए। रात्रि में 12 बजते ही बाबा के धाम में नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी…की धुन गूंज उठी।

काशीवासियों ने बाबा के धाम में कान्हा के जन्म का उत्सव मनाना शुरू कर दिया। शंख वादन, घंटा, घड़ियाल, डमरू की निनाद और वेदमंत्रों के साथ भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का उल्लास धाम के कण-कण में नजर आ रहा था। पूरा प्रांगण हर-हर महादेव के जयघोष के साथ ही जय कन्हैया लाल की… के जयकारे से गूंज रहा था।

लगातार दूसरे साल बाबा विश्वनाथ के धाम में लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। लड्डू गोपाल को पंचामृत से अभिषेक कराने के बाद भक्तों में प्रसाद वितरित किया गया। लड्डू गोपाल को सत्यनारायण मंदिर परिसर में ही रात्रि विश्राम कराया गया।

जन्म के ढाई घंटे बाद ही लड्डू गोपाल के विग्रह को बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती में भी विराजमान कराया गया। कान्हा ने बाबा के मंगला स्वरूप के दर्शन किए। मंगला आरती में शामिल श्रद्धालुओं ने भी लड्डू गोपाल और बाबा विश्वनाथ के एक साथ दर्शन का लाभ लिया।