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कान में दर्द और खुजली को न करें नजरअंदाज!

बारिश का मौसम अपने साथ कई सारी समस्‍याएं लेकर आता है। इस मौसम में फंगल ईयर इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है खासकर एस्परगिलस और कैंडिडा जैसे फंगस के कारण ये द‍िक्‍कत होती है। यह इंफेक्शन बाहरी कान को प्रभावित करता है और इसके लक्षणों में कान में दर्द खुजली शामिल हैं।

पिछले कुछ दिनों से हाे रही बार‍िश ने कई लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। ये हमारे सेहत के ल‍िए भी क‍िसी चुनौती से कम नहीं है। इस मौसम में टाइफॉयड और डायरिया, मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों जैसे मलेरिया और डेंगू का खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा सर्दी-जुकाम, बुखार और त्वचा पर रैशेज भी हो रही है।

बरसात के मौसम में होने वाले कान के इंफेक्शन को आमतौर पर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। लेक‍िन ये भी एक गंभीर समस्या हो सकती है। आज हम आपकाे फंगल ईयर इंफेक्शन के बारे में व‍िस्‍तार से जानकारी देने जा रहे हैं। आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से –

फंगल ईयर इंफेक्शन क्या है?
फंगल ईयर इंफेक्शन ज्‍यादातर आपके बाहरी कान को प्रभावित करता है। ये तब होता है जब एस्परगिलस और कैंडिडा जैसे फंगस कान में पनपने और फैलने लगते हैं। ये फंगस गर्म तापमान में जल्दी बढ़ते हैं, इसलिए फंगल ईयर इंफेक्शन ज्‍यादातर गर्मियों में होता है। ये इंफेक्शन बिना इलाज के आमतौर पर ठीक नहीं होता है।

फंगल ईयर इंफेक्शन आमतौर पर ईयर कैनाल (जो बाहरी कान से शुरू होकर कान के परदे तक जाता है) को प्रभावित करता है। हालांकि, कभी-कभी ये मिडिल ईयर पर भी बुरा असर डालता है। लेकिन ये बहुत ही कम होता है। गर्म और उमस भरे मौसम (मानसून) में फंगल ईयर इंफेक्शन ज्‍यादा होता है। इसे ओटोमाइकोसिस और फंगल ओटिटिस एक्सटर्ना भी कहते हैं।

फंगल ईयर इंफेक्शन के लक्षण
फंगल ईयर इंफेक्शन एक या दोनों कानों में हो सकता है। इसके लक्षण अलग-अलग लोगों में अलग हो सकते हैं, जैसे-

कान में दर्द
कान या ईयर कैनाल का रंग बदलना (लाल, पीला, बैंगनी या ग्रे)
तेज खुजली होना
कान के आसपास की त्वचा का झड़ना
दर्द या जलन महसूस होना
सिरदर्द
कान के आसपास सूजन
कान से पीला, हरा, काला, सफेद या ग्रे रंग का ल‍िक्‍व‍िड न‍िकलना
कान में आवाज आना
कान भारी लगना
सुनने में कमी होना
चक्कर आना
बुखार होना
किन्हें होता है ज्‍यादा खतरा?
स्कूबा डाइविंग करने वाले
स्‍वि‍मर, वाटर स्की, सर्फिंग या बाकी वॉटर स्पोर्ट्स करने वाले
कॉटन स्वैब, हेयर पिन से कान साफ करने वाले
कमजोर इम्युनिटी वाले लोग
कान की त्वचा की बीमारी (जैसे एक्जि‍मा) वाले
कान में चोट या ट्रॉमा वाले
बचाव कैसे करें?
स्‍व‍िम‍िंग करने या नहाने के बाद कान को सुखा लें।
कान खुद साफ होता है, स्वैब से नुकसान हो सकता है।
कान के पास हेयर स्प्रे, हेयर डाई या सिगरेट का धुआं न जाने दें।
एंटीबायोटिक ईयर ड्रॉप्स का ज्‍यादा इस्तेमाल न करें।