Tuesday , September 16 2025

ऊर्जा मंत्री के आदेश पर निलंबित जेई समेत चार अधिकारी बहाल

मुरादाबाद में 20 जुलाई को मुरादाबाद में ऊर्जा मंत्री के कार्यक्रम के दौरान बिजली गुल होने पर निलंबित किए गए जेई समेत चार अधिकारियों को बहाल कर दिया गया है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) की एमडी ईशा दुहन ने चारों को बहाल करने के बाद उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन (यूपीपीसीएल) के हवाले कर दिया है।

इनकी तैनाती का स्थान कॉर्पोरेशन के चेयरमैन तय करेंगे। निलंबित किए गए जेई ललित कुमार मुरादाबाद में दिल्ली रोड बिजलीघर पर तैनात थे। ऊर्जा मंत्री की नाराजगी पर निलंबन के आदेश के खिलाफ वह हाईकोर्ट पहुंचे थे। अगस्त में हाईकोर्ट ने पीवीवीएनएल को निलंबन के आदेश पर पुनर्विचार करने के लिए कहा था।

साथ ही जरूरत पड़ने पर याची को दोबारा कोर्ट में आने के लिए कहा। जेई अपनी बात को लेकर दोबारा कोर्ट पहुंचे थे लेकिन किसी भी निर्णय से पहले ही पीवीवीएनएल की ओर से बहाली का पत्र जारी कर दिया गया। जेई के कोर्ट जाने का फायदा अन्य तीन अभियंताओं को भी मिला।

कांशीरामनगर बिजलीघर पर तैनात रहे एसडीओ राना प्रताप, अधिशासी अभियंता प्रथम के पद पर रहे प्रिंस कुमार गौतम और अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार अग्रवाल को बहाल किया गया है। निलंबित किए गए मुख्य अभियंता की बहाली पर यूपीपीसीएल की ओर से कोई पत्र जारी नहीं हुआ है। वहीं अन्य चार की बहाली पर अभियंता संघ व जूनियर इंजीनियर्स संगठन के पदाधिकारियों ने खुशी जताई है।

किसकी गलती से गुल हुई बिजली… सवाल बरकरार
बेशक जेई कोर्ट पहुंचने के बाद विद्युत अभियंताओं की बहाली हो गई है लेकिन सवाल बरकरार है कि ऊर्जा मंत्री के कार्यक्रम में बिजली कटी कैसे। निलंबन के खिलाफ विद्युत कर्मियों ने कुछ दिन प्रदर्शन भी किया लेकिन फिलहाल सभी संगठन मौन है। औपचारिक रूप से किसी ने बयान नहीं दिया है लेकिन कहा जा रहा है कि उनकी मांग निलंबन के आदेश को निरस्त करने की थी।

20 जुलाई की शाम को ऊर्जा व नगर विकास मंत्री एके शर्मा सिविल लाइंस क्षेत्र में चिल्ड्रन पार्क का मुआयना कर रहे थे। उस दौरान 12 मिनट के लिए बिजली कट गई। केबिल जलने की जानकारी हुई तो विद्युत निगम कर्मियों की लापरवाही मानते हुए मंत्री ने चीफ इंजीनियर समेत एसई, एक्सईएन, एसडीओ और जेई को निलंबित करने का आदेश दे दिया। रात में ही एमडी कार्यालय से निलंबन का आदेश जारी हो गया।

इसके बाद मामले की कोई आधिकारिक जांच नहीं हुई है। विद्युत निगम के इंजीनियरों ने दावा किया कि बिजली नगर निगम की गलती से कटी है। अभियंता संघ व जूनियर इंजीनियर्स संगठन ने निलंबन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और एमडी से मिलने भी गए। जब कोई बात नहीं बनी तो जेई ललित कुमार ने हाईकोर्ट का रुख किया।

कोर्ट ने आदेश किया कि निलंबन पर पुनर्विचार किया जाए और जेई को दोबारा अदालत का दरवाजा खटखटाने का विकल्प भी दिया। मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद एमडी कार्यालय की ओर से जेई से एसई तक चार अभियंताओं को बहाल किया गया है। चीफ इंजीनियर की बहाली नहीं हुई है।

नगर निगम व विद्युत निगम के बीच दिखी समन्वय की कमी
अभियंताओं के निलंबन के बाद विद्युत कर्मियों का कहना था कि चिल्ड्रन पार्क पर 25-26 किलोवाट का लोड स्वीकृत है, जबकि मंत्री के निरीक्षण के दौरान सभी उपकरण मेन सप्लाई से चालू कर दिए गए और लोड 36 किलोवाट हो गया। इसके कारण ट्रांसफार्मर में फाल्ट हुआ और केबिल जल गया।

जबकि नगर निगम के अधिकारियों ने दावा किया कि उन्होंने लोड के मुताबिक ही बिजली इस्तेमाल की थी। जनरेटर को लेकर दोनों विभागों के अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी रही, जिसका खामियाजा अभियंताओं को भुगतना पड़ा।

34 साल की नौकरी बाकी होने के कारण कोर्ट पहुंचे जेई
दिल्ली रोड बिजलीघर पर तैनात रहे जेई ललित कुमार की उम्र महज 26 वर्ष है। उनकी सेवानिवृत्ति वर्ष 2059 में है। नौकरी के शुरुआती चरण में सर्विस बुक खराब न हो इसलिए उन्होंने कोर्ट का रुख किया। बहाली के बाद विद्युत निगम अभियंताओं की सर्विस बुक में कैसी प्रविष्टि दर्ज की जाएगी, यह स्पष्ट नहीं है।

जेई के अलावा एसडीओ राना प्रताप का कार्यकाल 26 वर्ष, एक्सईएन प्रिंस कुमार गौतम का 20 वर्ष और एसई सुनील कुमार अग्रवाल का डेढ़ वर्ष बाकी है।