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आईटीआई: प्रशिक्षित युवाओं को अब अपने ही जिले में मिलेगी नौकरी

व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास के तहत प्रौद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) से प्रशिक्षित युवाओं को अब रोजगार के लिए भटकना नहीं होगा। आईटीआई कोर्स के साथ उन्हें अपने ही जिले में नौकरी मिलेगी। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी समझौता के तहत टाटा टेक्नोलॉजी लखनऊ में 4174 करोड़ का निवेश करेगी।

आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, मथुरा, मऊ, बरेली, लखीमपुर खीरी व मेरठ में होने वाले निवेश को जोड़ दिया जाए तो यह आंकड़ा 4266 करोड़ रुपये पहुंच जाएगा। समझौता के तहत 30 निजी कंपनियां एक साथ करीब एक हजार प्रशिक्षित युवाओं को नौकरी देंगी।

प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय के मुताबिक आईटीआई प्रशिक्षित युवाओं के लिए यह पहला मौका है, जब उन्हें अपने ही जिले में नौकरी मिलेगी। राजधानी को छोड़ दिया जाए तो अन्य आठ जिलों में एक करोड़ से 10 करोड़ रुपये तक का निवेश होगा। पहले चरण में राजधानी में प्रशिक्षित 450 युवाओं को विभिन्न पदों पर नौकरी मिलेगी। वहीं अन्य आठ जिलों से प्रशिक्षित 20-20 युवाओं को रोजगार मिलेगा।

व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता विभाग ने प्रशिक्षण और रोजगार के लिए 30 निजी कंपनियों के साथ मिलकर जीबीसी ज्ञापन समझौता तैयार किया है। विभाग के अनुसार आगरा में करीब 17 करोड़ का निवेश होगा। फिरोजाबाद में 16 करोड़ से अधिक का निवेश, मैनपुरी में करीब 32 करोड़ का निवेश, मेरठ व मथुरा में 10-10 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा।

वहीं, बरेली में छह करोड़, मऊ और लखीमपुर खीरी में एक-एक करोड़ का निवेश होने जा रहा है। आगरा में आठ निजी कंपनियां निवेश करेंगी। फिरोजाबाद में पांच, मैनपुरी में आठ, मथुरा में चार, मऊ, बरेली, लखीमपुर खीरी व मेरठ में एक-एक कंपनी निवेश करेगी।

नई तकनीक के साथ बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग के संयुक्त निदेशक अनिल वर्मा का कहना है कि टाटा सहित बड़ी निजी कंपनियों के निवेश से युवाओं को नई तकनीक आधारित शिक्षा मिल सकेगी। इससे उनको रोजगार के लिए बेहतर अवसर मिलेंगे। वहीं निजी कंपनियों में न केवल रोजगार मिलेगा, बल्कि आवश्यकता के अनुसार युवाओं को ट्रेनिंग भी दी जाएगी।